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ब्रज बासी लाल, एक विश्व प्रसिद्ध पुरातत्त्ववेत्ता, जिनका जन्म 02 मई 1921 में हुआ था, पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक 1968 से 1972 तक रहे। उन्होंने जिन जगहों का उत्खनन व अन्वेशण किया, उनके नाम हैं शिशुपालगढ़ (1948), महाभारत से जुड़े स्थल हस्तिनापुर, इंद्रप्रस्थ इत्यादि (1952-53), मिस्र में नूबिया (1960), कालीबंगन (1961-69), और रामायण से जुड़े स्थल अयोध्या इत्यादि (1975-82)।
उनकी पुस्तकों में द अर्लियेस्ट सिविलाइजेशन ऑफ साउथ एशिया (1997); इंडिया 1947-97: न्यू लाइट आन द इंडस सिविलाइजेषन (1998); द सरस्वती फ्रलोज ऑन : द काॅन्टिनुइटी ऑफ इंडियन कल्चर (2002); हाउ डीप आर द रूट्स ऑफ इंडियन सिविलाइजेशन? आर्केलाॅजी आंसर्स (2009); ऋग्वैदिक पीपुलः ‘इनवेडर्स’?/ ‘इमिग्रेंट्स’?/और इंडिजेनस(2015); महाभारत की ऐतिहासिकताः साहित्य, कला और पुरातत्व के साक्ष्य (2019); द मार्च टुवर्ड्स अर्बनाइज़ेशन इन द गंगा बेसिन (2019); और अन्य हैं।